पिछले दशक में भारत – चीन संबंध दायरा एवं तीव्रता दोनों में उल्लेखनीय विस्तार हुआ है। दोनों पक्षों ने व्यापक श्रेणी के मुद्दों पर सहयोग को बहुत महत्व दिया है जिसमें जन दर जन संपर्क हमारे द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण अंग है। दोनों पक्ष ऐसे संपर्कों
को बढ़ाने और इस प्रकार परस्पर समझ में वृद्धि के महत्व को स्वीकार करते हैं। इस साझी समझ के साथ दिसंबर 2010 में चीन के प्रधान मंत्री बने जियाबाओ की भारत यात्रा के दौरान भारत एवं चीन के नेता भारत – चीन सांस्कृतिक संपर्कों का एक संग्रह तैयार करने की परियोजना
पर सहमत हुए थे।
भारत
– चीन सांस्कृतिक संपर्कों के संग्रह का आवरण पृष्ठइस संग्रह को संकलित करने का कार्य एक संयुक्त संकलन समिति द्वारा किया गया। जिसमें भारत एवं चीन दोनों देशों के अधिकारी एवं विद्वान शामिल थे। संकलन समिति में भारत की ओर से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय
के प्रोफेसर सबरी मित्रा, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर माधवी थंपी, वनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. कमल शील और विश्व भारतीय विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो. अरत्तात्रण नायक शामिल थे। इस संग्रह का लोकार्पण अंग्रेजी एवं चाइनीज दोनों भाषाओं में एक साथ
भारत के माननीय उप राष्ट्रपति और चीन के माननीय उप राष्ट्रपति द्वारा 30 जून 2014 को बीजिंग में किया गया। इस संग्रह में 700 से अधिक प्रविष्टियां हैं जिनमें संक्षेप में दोनों देशों के बीच व्यापार, आर्थिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं दार्शनिक क्षेत्रों में संपर्कों
एवं आदान – प्रदान के समृद्ध इतिहास का वर्णन किया गया है। यद्यपि अंग्रेजी एवं चाइनीज दोनों रूपांतरों की अंतर्वस्तुएं समान हैं, चाइनीज रूपांतर को एक खंड में जारी किया गया, जबकि अंग्रेजी रूपांतर को दो खंडों में जारी किया गया।
उप
राष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी ने बीजिंग में भारत – चीन सांस्कृतिक संपर्क संग्रह का लोकार्पण किया (30 जून, 2014)
पिछले दो हजार वर्षों से भारत एवं चीन का साझा इतिहास रहा है। भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक संपर्कों पर साहित्य में बुनियादी योगदान होने के नाते इस संग्रह का प्रकाशन न केवल इस इतिहास को सर्वाधिकार क्षेत्र में लाएगा जिससे यह दोनों देशों की जनता के लिए आसानी
से सुलभ हो जाएगा, अपितु हमारे साझे सांस्कृतिक अनुभव में लोकप्रिय जागरूकता का निर्माण एवं विश्वास पैदा करने के प्रयास को चिर प्रतिक्षित आवश्यकता को भी गति प्रदान करेगा। हम उम्मीद करते हैं कि यह संग्रह एक गतिशील दस्तावेज होगा जिसे समय – समय पर अपडेट किया
जाएगा क्योंकि भारत और चीन के बीच सभ्यतागत संबंध पर काफी अनुसंधान एवं अध्ययन किए जा रहे हैं।
आगे पढें:
भारत – चीन सांस्कृतिक संपर्क संग्रह खंड-1
भारत – चीन सांस्कृतिक संपर्क संग्रह खंड-2