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संयुक्त वक्तव्य: द्वितीय भारत-जापान 2+2 विदेश और रक्षा मंत्रिस्तरीय बैठक

सितम्बर 08, 2022

1. भारत के रक्षा मंत्री, श्री राजनाथ सिंह और भारत के विदेश मंत्री, डॉ. एस. जयशंकर, जापान के विदेश मंत्री, श्री हयाशी योशिमासा, जापान के रक्षा मंत्री, श्री हमादा यासुकाजू ने द्वितीय भारत-जापान 2+2 विदेश और रक्षा मंत्रिस्तरीय बैठक का आयोजन 8 सितंबर 2022 को टोक्यो में किया।

2. यह स्वीकार करते हुए कि सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिए पहले से कहीं अधिक वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है, जो अब अधिक तीव्र हो गई हैं, मंत्रियों ने नियम-आधारित एक ऐसी वैश्विक व्यवस्था के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की जो राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करती है, और सभी देशों के लिए इस बात की आवश्यकता पर बल दिया कि धमकी या बल प्रयोग या यथास्थिति को एकतरफ़ा रूप से बदलने के किसी भी प्रयास का सहारा लिए बिना, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार किए जाएं।

3. मंत्रियों ने एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफ़िक की स्थिति को प्राप्त करने के एक साझा रणनीतिक लक्ष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को चिन्हांकित किया, जो समावेशी और लचीली हो, क़ानून के शासन पर आधारित हो और अवपीड़न से मुक्त हो। मंत्रियों ने आसियान की एकता और केंद्रीयता के लिए अपने मजबूत समर्थन और "आसियान आउटलुक ऑन द इंडो-पैसिफिक (एओआईपी)" के लिए अपने पूर्ण समर्थन को दोहराया, जो विधि-शासन, खुलेपन, स्वतंत्रता, पारदर्शिता और समावेशिता जैसे सिद्धांतों को परिपुष्ट करता है।

4. मंत्रियों ने आपसी हितों और चिंताओं के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर, विशेष रूप से इंडो-पैसिफ़िक के साथ-साथ यूक्रेन के मुद्दों पर एक स्पष्ट और उपयोगी चर्चा की। मंत्रियों ने क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों के संबंध में 19 मार्च 2022 के अपने संयुक्त वक्तव्य ("एक शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध पोस्ट-कोविड वर्ल्ड के लिए साझेदारी") में हाल ही में अपने प्रधानमंत्रियों द्वारा व्यक्त की गई वचनबद्धता की दृढ़ता से पुष्टि की।

5. तथाकथित "काउंटरस्ट्राइक क्षमताओं" सहित राष्ट्रीय रक्षा के लिए आवश्यक सभी विकल्पों की जांच करने का संकल्प व्यक्त करते हुए, जापानी पक्ष ने अगले पांच वर्षों के भीतर जापान की रक्षा क्षमताओं को आधारभूत रूप से सुदृढ़ करने और इसे प्रभावी करने के लिए आवश्यक, जापान के रक्षा बजट में पर्याप्त वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। अपनी रक्षा क्षमताओं को सुदृढ़ करने के जापान के दृढ़ संकल्प को स्वीकार करते हुए, भारतीय पक्ष ने सुरक्षा और रक्षा सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम करने के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया।

6. मंत्रियों ने द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग में नवंबर 2019 में पिछली बैठक के बाद हुई प्रगति को प्रसन्नता के साथ नोट किया, जो इंडो-जापान स्पेशल स्ट्रेटेजिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। उन्होंने क्रमशः फरवरी 2021 की निरस्त्रीकरण और अप्रसार वार्ता, नवंबर 2021 की अंतरिक्ष वार्ता, और जून 2022 की साइबर वार्ता में चर्चा किए गए गहन सहयोग का स्वागत किया। दोनों देशों के बीच बहुस्तरीय वार्ताओं के महत्व को स्वीकार करते हुए, उन्होंने आशा व्यक्त की कि समग्रतः संयुक्त राष्ट्र के कार्यों को सुदृढ़ करने की दृष्टि से सुरक्षा परिषद सुधार जैसे क्षेत्रों में शीघ्रातिशीघ्र वार्ता होगी। उन्होंने आर्थिक सुरक्षा के क्षेत्र में संवाद बढ़ाने के महत्व को भी स्वीकार किया।

7. मंत्रियों ने दोनों पक्षों के बीच रक्षा सहयोग और विनिमय में प्रगति को नोट किया। मंत्रियों ने बहुपक्षीय अभ्यास ‘मिलन’ में पहली बार जापान की भागीदारी की और अभ्यास में जापान के आत्मरक्षा बलों और भारतीय सशस्त्र बलों के बीच एग्रीमेंट कन्सर्निंग रेसिप्रोकल प्रोवीज़न ऑफ़ सप्लाइज़ एंड सर्विसेज के संबंध में समझौते के परिचालन का स्वागत किया। मंत्रियों ने "धर्म गार्जियन", जिमेक्स और "मालाबार" सहित द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों को जारी रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। मंत्रियों ने प्रसन्नता के साथ नोट किया कि दोनों देशों की हवाई सेवाएं भारत-जापान लड़ाकू अभ्यास के शुरुआती संचालन के लिए मिलकर काम कर रही हैं। मंत्रियों ने अधिक जटिल और परिष्कृत द्विपक्षीय अभ्यास की दिशा में निरंतर प्रयास करने की अपनी साझा मंशा भी व्यक्त की।

8. मंत्रियों ने जापान जॉइन्ट स्टॉफ़ और भारतीय एकीकृत रक्षा कर्मचारियों के बीच संयुक्त सेवा कर्मचारी वार्ता शुरू करने पर सहमति व्यक्त की। मंत्रियों ने एचए/डीआर और संक्रामक रोगों और महामारियों पर अनुक्रिया पर गहन सहयोग के प्रति भी प्रतिबद्धता व्यक्त की। सूचना संलयन केंद्र - हिंद महासागर क्षेत्र की क्षमता को स्वीकार करते हुए, मंत्रियों ने समुद्री सहयोग बढ़ाने के लिए मंच में अन्य देशों के संपर्क अधिकारियों के साथ बहुपक्षीय समन्वय को सक्रिय रूप से बढ़ाने हेतु आशा व्यक्त की। मंत्रियों ने रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी सहयोग के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने के लिए दोनों देशों की विशाल संभाव्यता को स्वीकार किया। मंत्रियों ने अन्मैन्ड ग्राउंड व्हीकल (UGV)/रोबोटिक्स और छठे इण्डिया-जापान जॉइन्ट वर्किंग ग्रुप ऑन डिफ़ेंस इक्विपमेंट एंड टेक्नोलॉजी कोऑपरेशन के क्षेत्रों में चल रहे सहयोग पर संतोष व्यक्त किया और भविष्य में रक्षा उपकरणों और प्रौद्योगिकी में सहयोग के लिए ठोस क्षेत्रों की पहचान करने के लिए सहमति व्यक्त की।

9. मंत्रियों ने इस बात का स्‍वागत किया कि 2+2 बैठकों ने, गहन विचार-विमर्श के माध्‍यम से, इंडो-जापान स्पेशल स्ट्रेटेजिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप को बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया है, और अगली 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक भारत में आयोजित करने का निर्णय लिया है।

टोक्यो
08 सितंबर, 2022

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