संयुक्त राष्ट्र महासचिव महामहिम श्री बान की मून
ओपीसीडब्ल्यू के महानिदेशक महामहिम श्री अहमत उजुम्कू
महामहिमगण
देवियो एवं सज्जनो,
रासायनिक हथियार अभिसमय के 15 वर्ष पूरा होने पर आयोजित इस विशेष बैठक को संबोधित करना मेरे लिए प्रसन्नता की बात है। यह बैठक हमें उपलब्धियों एवं चुनौतियों का जायजा लेने का अवसर प्रदान करती है जो इस अभिसमय के पूर्ण एवं प्रभावी कार्यान्वयन के कार्य में मौजूद हैं।
भारत इस अभिसमय को एक अनोखे, बहुपक्षीय रूप से वार्ताकृत एवं गैर भेदभावपूर्ण निरस्त्रीकरण लिखत के रूप में देखता है जो व्यापक विनाश के संपूर्ण श्रेणी के हथियारों के उन्मूलन के लिए मॉडल के रूप में काम कर रहा है। इस अभिसमय के मूल हस्ताक्षरकर्ता के रूप में भारत
अभिसमय की सफलता एवं इसके पूर्ण एवं प्रभावी कार्यान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। रासायनिक हथियारों का प्रयोग करने के विरूद्ध अंतर्राष्ट्रीय कानूनी मानदंड का हर हाल में कहीं भी उल्लंघन नहीं होना चाहिए।
निरस्त्रीकरण इस अभिसमय का एक प्राथमिक लक्ष्य है तथा रासायनिक हथियारों के पूरी तरह नष्ट हो जाने तक यह प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए। इस अभिसमय द्वारा निर्धारित समय सीमा के अंदर ओपीसीडब्ल्यू सत्यापन के अधीन अपने सभी रासायनिक हथियारों के अंबार को नष्ट करके
हमने अपनी प्रतिबद्धता तथा जिम्मेदारी की भावना का प्रदर्शन किया है। सभी राज्य पक्षकारों द्वारा रासायनिक हथियारों को समय पर नष्ट करना सीडब्ल्यूसी की विश्वसनीयता एवं सत्यनिष्ठा बनाए रखने के लिए आवश्यक है। हम शेष प्रोसेसर राज्यों से आह्वान करते हैं कि
वे न्यूनतम संभव समय के अंदर अपने दायित्वों को पूरा करें।
उद्योग घोषणा की दृष्टि से भारत तीसरा सबसे बड़ा देश तथा हर साल सबसे अधिक संख्या में उद्योग निरीक्षण प्राप्त करने वाले देशों में से एक है। हमने उद्योग से संबंधित अपनी सभी सत्यापन बाध्यताओं को लागू किया है। हमारा यह भी विश्वास है कि उद्योग पर अनुचित बोझ के
बिना अभिसमय के प्रावधानों के पूर्ण मार्गदर्शन में सत्यापन के भावी प्रयास जारी रहने चाहिए। राष्ट्रीय कार्यान्वयन के अलावा, जिसे भारत कुंजी के रूप में देखता है, सहायता एवं संरक्षण तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग भारी संख्या में राज्य पक्षकारों के लिए रूचि का
विषय है तथा इस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
भारत ने ओपीसीडब्ल्यू के अनेक सहायक निकायों अर्थात वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड, वित्तीय एवं प्रशासनिक मामलों पर सलाहकार बोर्ड तथा गोपनीयता आयोग में भागीदारी के माध्यम से इसके कामकाज में योगदान दिया है। हमारे राष्ट्रीय प्राधिकरण ने सीडब्ल्यूसी से संबंधित हमारे
दायित्वों का निर्वाह करने में तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं सहायता कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि ओपीसीडब्ल्यू में भारत का स्थायी प्रतिनिधि इस समय कार्यकारिणी समिति की अध्यक्षता कर रहा है।
सीडब्ल्यूसी में 188 राज्य पक्षकारों का शामिल होना सराहनीय है तथा इससे अभिसमय के सार्वभौमिक अनुपालन की दिशा में प्रयासों का ढेर लग जाना चाहिए। हम इस अभिसमय के अबाध कार्यान्वयन का सुनिश्चय करने में उनके प्रयासों के लिए तथा रासायनिक हथियारों से मुक्त विश्व
के सामान्य लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने के लिए ओपीसीडब्ल्यू तथा महानिदेशक की भूमिका की सराहना करते हैं।
धन्यवाद।