भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद,2 सितंबर, 2018 से साइप्रस, बुल्गारिया और चेक गणराज्य की राजकीय यात्रा पर जाएंगे।राष्ट्रपतिजी के साथ किसान कल्याण और पंचायती राज मंत्रालय के कृषि राज्य मंत्री श्री पुरुषोत्तम खोडाभाई रुपला और दो संसद सदस्य श्री
राम शाकल और श्री अनिल बलूनी और अन्य अधिकारी भी जाएंगे।
राष्ट्रपतिजी, तीन-राष्ट्रों केअपने दौरे के पहले चरण में, साइप्रस के राष्ट्रपति, महामहिम श्री निकोस अनास्तासियादेसके निमंत्रण पर 2 से4 सितंबर, 2018को साइप्रस जाएंगे।हमारे संस्थापक और महान नेताओं, महात्मा गांधी और राष्ट्रपति आर्कबिशप मैकारिऑसतृतीयके विश्व संबंधी
दृष्टिकोण में गहरी एकरूपता ने भारत और साइप्रस के बीच के घनिष्ठ संबंधों की नींव रखी। दोनों देश लोकतंत्र, कानून के शासन और बहुलवाद के मूल्यों को साझा करते हैं। साइप्रस के साथ भारत के पर्याप्त आर्थिक संबंध हैं।भारत में साइप्रस का 9.2 अरब अमेरिकी डॉलर का संचयी
निवेश, इसे भारत का 8वां सबसे बड़ा निवेशक बनाता है। दोनों देशों के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान होते रहे हैं।भारत से राज्य प्रमुख के स्तर पर पिछली यात्रा 2009में हुई थी।अप्रैल 2017 में साइप्रस के राष्ट्रपति भारत की राजकीय यात्रा पर आए थे।
राष्ट्रपति जी अपनी यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति अनास्तासियादेस के साथ बैठक करेंगे।साइप्रस के राष्ट्रपति,राष्ट्रपतिजी के सम्मान में एक भोज देंगे।वे प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष श्री डेमेट्रिस सिलेरिस से मिलेंगे और प्रतिनिधि सभा के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे।राष्ट्रपति
जी साइप्रस विश्वविद्यालय में एक व्याख्यान देंगे और भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों को भी संबोधित करेंगे।
राष्ट्रपतिजी, बुल्गारिया के राष्ट्रपति, महामहिम श्री रुमेन रादेव के निमंत्रण पर 4-6 सितंबर, 2018को बुल्गारिया जाएंगे।भारत और बुल्गारिया में आठवीं शताब्दी सेकरीबी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं।पुरानी भारतीय लिपि ब्राह्मी और प्राचीन बल्गेरियाई लिपि ग्लेगोलित्सा
के बीच काफी समानताएं हैं।उन्नीसवीं शताब्दी के बल्गेरियाई क्रांतिकारी जॉर्जी स्टॉकोव राकोव्स्की एक महान भारतवेत्ता थे। नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर 1926 में बुल्गारिया गए थे।आधुनिक युग में, बुल्गारिया में योग, आयुर्वेद और भारतीय फिल्मों की लोकप्रियता
के साथ-साथ सोफिया विश्वविद्यालय में भारतीय-विद्या के छात्रों के अनुभव ने हमारे बंधन को और मजबूत किया है।भारत और बुल्गारिया का वार्षिक व्यापार 315 मिलियन अमरीकी डॉलर है। बुल्गारिया में कई भारतीय कंपनियां तथा भारत में कई बुल्गारियाई कंपनियां हैं। भारत से राज्य
प्रमुख के स्तर पर आखिरी यात्रा 2003 में हुई थी। बल्गेरियाई प्रधानमंत्री ने 2007 में भारत का दौरा किया था।बुल्गारिया जनवरी से जून 2018 तक यूरोपीय संघ की परिषद का अध्यक्षरहा।
राष्ट्रपति जी अपनी यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति रादेव के साथ बैठक करेंगे। राष्ट्रपति रादेव राष्ट्रपतिजी के सम्मान में एक भोज आयोजित करेंगे।राष्ट्रपति जी बुल्गारिया के महामहिम प्रधानमंत्री श्री बॉयको बोरिसोव से भेंट करेंगे।
राष्ट्रपतिजी एक बिजनेस फोरम में भारत और बुल्गारिया के व्यापारिक प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे।वे सोफिया विश्वविद्यालय में एक व्याख्यान देंगे और यात्रा के दौरान भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों को भी संबोधित करेंगे।
चेक गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम श्री मिलोस ज़मान के निमंत्रण पर, भारत के राष्ट्रपति 6-9 सितंबर, 2018को चेक गणराज्य जाएंगे। भारत की आजादी के पहले से ही,भारत और चेक गणराज्य के बीच निकट और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।9-10 शताब्दी में बोहेमिया और मोराविया साम्राज्य
से भारत का व्यापार होता था। नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने 1934 में, प्राग में इंडो-चेक एसोसिएशन की स्थापना की थी।1850 में चार्ल्स विश्वविद्यालय में एक संस्कृत विभाग था। वर्तमान समय में, 1947 में स्थापित राजनयिक संबंधों ने हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को विकसित
किया है। चेक गणराज्य के साथ भारत के पर्याप्त आर्थिक संबंध हैं। हमारा वार्षिक व्यापार एकअरब अमरीकी डालर से अधिक का है और भारत में लगभग 60 चेक कंपनियों द्वारा किया गया निवेश हमारे जीवंत आर्थिक संबंधों की गवाही देते हैं।एक प्रमुख चेक कंपनी द्वारा 'मेक इन इंडिया'
के अंतर्गत मोटर वाहन क्षेत्र में पर्याप्त निवेश की घोषणा की गई है।
राज्य प्रमुख के स्तर पर भारत की ओर से आखिरी यात्रा 1996 में हुई थी। चेक राष्ट्रपति 2005 में भारत की राजकीय यात्रा पर आए थे और 2006 में चेक प्रधानमंत्री भारत आए थे। राष्ट्रपतिजी की यात्रा चेक गणराज्य की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के समय हो रही है।
यात्रा के दौरान, राष्ट्रपतिजी राष्ट्रपति जीमान के साथ बैठक करेंगे, वेहमारे राष्ट्रपतिजी के सम्मान में एक भोज भी आयोजित करेंगे।राष्ट्रपति जी, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री,महामहिम श्रीमान एंड्रेज बाबिस और चेक संसद के हाउस ऑफ डेप्युटीज के अध्यक्ष श्री राडेक वोंड्राचेक
से भेंट करेंगे।
राष्ट्रपतिजी एक व्यापार मंच पर भारत और चेक गणराज्य के व्यापार प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे। वे चार्ल्स विश्वविद्यालय में छात्रों और चेक भारतविदोंसे बातचीत करेंगे और भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों को संबोधित करेंगे।इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जीईएलआई बीमलाइन्स-इंटरनेशनल
लेजर रिसर्च इंस्टीट्यूट भी जाएंगे।ईएलआई बीमलाइन्स अनुसंधान केंद्र दुनिया की सबसे तीव्र लेजर प्रणाली स्थापित करने और चलाने की इच्छा रखता है।ये बीमलाइन्स केवल भौतिकी और भौतिक विज्ञान के क्षेत्र के अलावा जैव चिकित्सा अनुसंधान और प्रयोगशाला खगोल भौतिकी के क्षेत्र
में भी नए शोध को सक्षम करेंगे।
नई दिल्ली
01 सितंबर, 2018