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यात्रा विवरण
Detail
राष्ट्रपति की चेक गणराज्य की यात्रा में भारत-चेक गणराज्य का संयुक्त वक्तव्य (6-9 सितंबर, 2018)
सितम्बर 07, 2018
चेक गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम मिलोस ज़ेमन के निमंत्रण पर, भारत गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम श्री राम नाथ कोविंद 6 से 9 सितंबर 2018 तक चेक गणराज्य की राजकीय यात्रा पर गए थे।
महामहिम राष्ट्रपति कोविंद के साथ उनकी पत्नी श्रीमती सविता कोविंद और कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय तथ पंचायती राज मंत्रालय के राज्य मंत्री, श्री परशुट्टम रुपला और सांसद श्री सुनील कुमार सिंह और श्री राम शाकल तथा अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी गए थे।
यात्रा के समय राष्ट्रपति ज़ेमान ने राष्ट्रपति कोविंद का स्वागत किया था। वे चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री, एंड्रेज बाबीस और चेक गणराज्य की संसद के चैंबर ऑफ डेप्युटीज के अध्यक्ष श्री राडेक वोंड्राकेक से भी मिलेंगे। वे एक्सट्रीम लाइट इंफ्रास्ट्रक्चर (ईएलआई) बीमलाइन - इंटरनेशनल लेजर रिसर्च सेंटर, चेक गणराज्य और इंडिया बिजनेस फोरम को संबोधित करेंगे तथा चार्ल्स विश्वविद्यालय में चेक इंडोलॉजिस्ट (भारत विद्या केविद्वानों) से बातचीत करेंगे।
द्विपक्षीय वार्ता एक उत्साह, सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण में आयोजित की गई थी, जो शांति, स्थिरता, लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के संयुक्त रूप से साझा मूल्यों के आधार पर चेक गणराज्य और भारत गणराज्य के बीच के दीर्घकालिक और मित्रवत द्विपक्षीय संबंध को दर्शाती है।
दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के बहुमुखी आयामों पर संतोष व्यक्त किया और द्विपक्षीय संबंधों के रणनीतिक पहलुओं को और मजबूत और विकसित करने की इच्छा व्यक्त की। इस संबंध में, उन्होंने सहमति व्यक्त की कि आगामी चर्चाएं दोनों पक्षों के पेशेवरों के अस्थायी आवागमन को सुविधाजनक बनाने सहित रणनीतिक साझेदारी के लिए द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए उपयोगी हो सकती हैं।
दोनों राष्ट्रपति ने चेक गणराज्य के विदेश मंत्रालय और भारत गणराज्य के विदेश मंत्रालय के बीच पारस्परिक हित के मुद्दों पर उच्च स्तरीय यात्राओं के नियमित आदान-प्रदान और लगातार राजनीतिक परामर्श सहित सभी स्तरों पर संपर्कों को तेज करने के लिए सहमति व्यक्त की। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि दोनों मंत्रालय जल्द ही उप मंत्री/ सचिव स्तर पर बैठक करेंगे। दोनों नेताओं ने बेंगलुरु और चेन्नई में चेक गणराज्य के नए मानद वाणिज्य दूतावास की घोषणा का स्वागत किया।
दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र के व्यापक सुधार की आवश्यकता की पुष्टि की। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के तत्काल सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया, जिसमें सदस्यता की दोनों श्रेणियों में विस्तार शामिल है, ताकि इसे 21वीं शताब्दी की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं के लिए अधिक प्रतिनिधित्व पूर्ण, उत्तरदायी, प्रभावी और ज़िम्मेदार बनाया जा सके।
दोनों नेताओं ने सीमा पार आतंकवाद समेत इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की निंदा की और आतंकवाद के संकट को रोकने और इससे लड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सभी देशों को आतंकवादियों को सुरक्षित आश्रय देने से इनकार करने और आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे और नेटवर्कों तथा उनके वित्तपोषण में बाधा डालने और आतंकवादियों के पार-सीमा आवागमन को रोकने की दिशा में काम करने के लिए कहा। दोनों नेताओं ने यह भी पुष्टि की कि, कभी भी और कहीं भी और किसी के भी द्वारा किए गए आतंकवाद के कार्यों को किसी भी आधार पर न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता और इसे किसी भी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता और जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
दोनों नेता बहुपक्षीय मंच के माध्यम से आतंकवाद विरोधी पहल को मजबूत करने के लिए सहमत हुए और संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन को शीघ्र पूरा करने पर मिलकर काम करने के लिए भी सहमति व्यक्त की।
दोनों पक्षों ने हथियारों के वैश्विक अप्रसार प्रयासों को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। राष्ट्रपति ज़ेमन ने एमटीसीआर, वासनेर व्यवस्था, हेग आचार संहिता (एचसीओसी) और ऑस्ट्रेलिया समूह में प्रवेश के लिए भारत को बधाई दी। उन्होंने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत के प्रवेश के लिए चेक गणराज्य के मजबूत और सक्रिय समर्थन को दोहराया और यह स्वीकार किया कि भारत का प्रवेश एनएसजी के लक्ष्यों और उद्देश्यों का मूल्यवर्द्धन करेगा।
राष्ट्रपतियों ने परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग में द्विपक्षीय सहयोग का स्वागत किया और इस क्षेत्र के दोनों देशों की संभावनाओं और क्षमताओं की खोज के लिए साथ काम करने पर सहमति व्यक्त की। इस संबंध में, दोनों पक्षों ने चेक गणराज्य के एक प्रासंगिक संस्थान के साथ भारत के परमाणु ऊर्जा भागीदारी (जीसीएनईपी) के वैश्विक केंद्र के बीच सहयोग स्थापित करने के लिए चल रही चर्चा का स्वागत किया।
नेताओं ने, द्विपक्षीय संबंधों के व्यापक संदर्भ में, यूरोपीय संघ-भारत रणनीतिक साझेदारी के प्रति अपनी वचनबद्धता दोहराई और कई क्षेत्रों में इसे आगे बढ़ाने के लिए साथ काम करने पर सहमति व्यक्त की। नेताओं ने भारत और यूरोपीय संघ के बीच आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने पर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और दोनों पक्षों के निरंतर प्रयासों को एक व्यापक और पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-यूरोपीय संघ ब्रॉड आधारित व्यापार और निवेश समझौते (बीटीआईए) के लिए समय पर पुनर्विचार वार्ता की दिशा में पुनः सक्रिय रूप से संलग्न होने का संकल्प लिया।
राष्ट्रपतियों ने व्यापार संरक्षणवाद का विरोध करने और विश्व व्यापार संगठन द्वारा प्रस्तुत किए गए निष्पक्ष, पारदर्शी और नियम-आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के पक्ष में और उनकी कार्यप्रणाली के लिए काम करने की दोनों देशों की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।
नेताओं ने चेक गणराज्य और भारत गणराज्य के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग के एक लंबे इतिहास को स्वीकार किया, जो परंपरागत रूप से उनके रिश्ते का एक अभिन्न अंग और पारस्परिक आत्मविश्वास निर्माण का एक महत्वपूर्ण कारक है।
राष्ट्रपतियों ने दोनों देशों के बाजारों द्वारा प्रस्तुत वर्तमान अवसरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और व्यावसायिक मिशनों, व्यापार मेलों और प्रदर्शनियों में भागीदारी, सूचना साझा करने और प्रशिक्षण सहित व्यापार-से-व्यापार संपर्कों को प्रोत्साहित करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
नेताओं ने, अक्टूबर 2012 में, प्राग में आर्थिक सहयोग पर चेक गणराज्य-भारत संयुक्त आयोग के आगामी 11वें सत्र को आयोजित करने और चेक गणराज्य के उद्योग और व्यापार मंत्री और भारत गणराज्य के उद्योग और वाणिज्य मंत्री द्वारा इसकी सह-अध्यक्षता करने के संबंध में सहमति व्यक्त की। यह द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीके के बारे में नए विचार विकसित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा। राष्ट्रपति ज़ेमान और राष्ट्रपति कोविंद ने पिछले कुछ वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के ऊपर जाने का स्वागत किया।
राष्ट्रपति ज़ेमान और राष्ट्रपति कोविंद ने दोनों देशों के विश्वविद्यालयों के बीच उच्च शिक्षा में साझेदारी का स्वागत किया और इंडोलॉजी में छात्रों की दीर्घ चेक परंपरा की सराहना की। उन्होंने चेक गणराज्य में योग की बढ़ती लोकप्रियता का स्वागत किया।
राष्ट्रपति ज़ेमान और राष्ट्रपति कोविंद ने अनुसंधान और नवाचार में दोनों देशों की उच्च स्तर की योग्यता को स्वीकार किया। इस संबंध में, दोनों राष्ट्रपतियों ने चेक गणराज्य के शिक्षा, युवा और खेल मंत्रालय और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत गणराज्य के प्रौद्योगिकी विज्ञान मंत्रालय के बीच वर्ष 2019-2022 के लिए चेक-भारतीय परियोजनाओं के समर्थन के लिए कार्य योजना पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया। ।
उन्होंने चेक गणराज्य की एकेडमी ऑफ साइंसेज और भारत गणराज्य के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के बीच वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का भी स्वागत किया।
राष्ट्रपति ज़ेमान और राष्ट्रपति कोविंद ने लोगों के परस्पर आदान-प्रदान को तेज करने, पर्यटन की सुविधा और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को गहरा बनाने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने राजनयिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीज़ा आवश्यकताओं से छूट पर चेक गणराज्य की सरकार और भारत गणराज्य सरकार के बीच हस्ताक्षरित समझौते का स्वागत किया।
नेताओं ने दोनों देशों के बीच लोगों के आपसी संपर्कों के लिए सीधी उड़ान आरंभ करने के महत्व को भी स्वीकार किया।
भारत गणराज्य के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने, अपने और अपने प्रतिनिधि मंडल के उदार आतिथ्य के लिए चेक गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम मिलोस ज़ेमन की प्रशंसा की। दोनों पक्षों ने भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों की वृद्धि में अपना विश्वास व्यक्त किया।
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