निदेशक (एक्सपीडी), डॉ. वेंकटचलम मुरुगन : गाम्बिया में राष्ट्रपति की राजकीय यात्रा का विवरण देने के लिए आयोजित इस वार्ता में आपका स्वागत है। आपको इस यात्रा का विवरण देने के लिए हमारे साथ विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्वी
क्षेत्र) श्री टी. एस. तिरुमूर्ति, विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री आर. रवींद्र और राष्ट्रपति के उप प्रेस सचिव श्री निमिष रुस्तगी उपस्थित हैं।
सचिव (पूर्वी क्षेत्र), श्री टी. एस. तिरुमूर्ति : मित्रों, आज दोपहर यहाँ आने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। भारत के माननीय राष्ट्रपति इस समय गाम्बिया की राजकीय यात्रा कर रहे हैं। यह पश्चिम अफ्रीका में उनकी ऐतिहासिक यात्रा
का दूसरा चरण है। यह भारत के किसी राष्ट्रपति की गाम्बिया की पहली यात्रा है।
इस यात्रा में उनके साथ माननीय राज्य मंत्री, श्री प्रताप चन्द्र सारंगी, माननीय संसद मंत्री, श्री दिलीप घोष और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी आए हैं।
कल महामहिम राष्ट्रपति जी के आगमन पर, गाम्बिया के महामहिम राष्ट्रपति आदामा बैरो ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। इसके बाद एक औपचारिक स्वागत किया गया।
आज सुबह दोनों नेताओं ने स्टेट हाउस में भेंट की, दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों के कारण ये चर्चाएं अत्यंत प्रेम और सौहार्दपूर्ण वातावरण में आयोजित की गईं। माननीय राष्ट्रपति जी ने राष्ट्रपति बैरो को गाम्बिया में लोकतंत्र बहाल करने और देश में शांति और स्थिरता
लाने तथा विकास को बढ़ाने के लिए बधाई दी। उन्होंने इसे गाम्बिया के लिए परिवर्तनकारी पल कहा।
माननीय राष्ट्रपति जी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को स्मरणीय बनाने के लिए राष्ट्रपति बैरो द्वारा "व्हाट महात्मा गांधी मीन्स टू मी” शीर्षक एक सुंदर कृति लिखने के लिए राष्ट्रपति बैरो को धन्यवाद दिया।
माननीय राष्ट्रपति ने गाम्बिया के विकास का समर्थन करने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। विशेष रूप से भारत द्वारा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 92 मिलियन अमरीकी डॉलर की हमारी ऋण श्रृंखला को फिर से शुरू करने और इसके साथ-साथ कुटीर उद्योग के पुनरुद्धार और गाम्बिया
के 300 चुनिंदा गांवों में 300 सौर गृह प्रणाली और 20 सौर जल पंप स्थापित करने के लिए सौर ऊर्जा परियोजनाओं के क्षमता निर्माण के समर्थन के लिए जमीनी सहायता देने पर सहमत हुआ है।
हम गाम्बिया द्वारा पहले उपयोग की गई ऋण श्रृंखला के भुगतान को स्थगित करने के लिए भी सहमत हैं।
महामहिम राष्ट्रपति बैरो ने भारत के राष्ट्रपति की पहली गाम्बिया यात्रा पर अपनी खुशी प्रकट की और अपनी यात्रा के लिए पश्चिम अफ्रीका के देशों में से गाम्बिया को चुनने के लिए राष्ट्रपति जी को धन्यवाद दिया।
उन्होंने भारत के लोकतंत्र का स्वागत किया और भारत के लोकतंत्र के साथ-साथ नियमित रूप से शांतिपूर्ण चुनाव कराने पर अपनी आस्था व्यक्त की। उन्होंने अपने लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए दृढ़ संकल्प व्यक्त किया और भारत से इस प्रक्रिया में भागीदार बनाने का आह्वान
किया। उन्होंने गाम्बिया की नेशनल असेंबली के निर्माण सहित भारत द्वारा दी जा रही विकास सहायता के लिए भारत को धन्यवाद दिया। उन्होंने गाम्बिया की क्षमता निर्माण लिए और प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, विशेष रूप से हाल ही में गैम्बिया के स्थायी सचिवों और वरिष्ठ सिविल सेवकों
के लिए भारत में आयोजित किए गए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के लिए भी आभार व्यक्त किया।
दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद से लड़ने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। वे अंतर्राष्ट्रीय और द्विपक्षीय स्तर पर दक्षिण-दक्षिण सहयोग की भावना में सहयोग करने के लिए भी सहमत हुए हैं।
माननीय राष्ट्रपति जी ने संयुक्त राष्ट्र सहित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भारत की उम्मीदवारी का मजबूत समर्थन करने के लिए गाम्बिया को धन्यवाद दिया। विशेष रूप से माननीय राष्ट्रपति जी ने गाम्बिया में भारतीय समुदाय के कल्याण के लिए समर्थन का प्रस्ताव करने के लिए
राष्ट्रपति बैरो को धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति बैरो ने गाम्बिया की प्रगति में भारत द्वारा निभाई गई सकारात्मक भूमिका को स्वीकार किया।
पारंपरिक चिकित्सा में सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। राष्ट्रपति बैरो ने एक महत्वपूर्ण संकेत के रूप में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के लिए गाम्बिया का अनुसमर्थन उपकरण प्रस्तुत किया।
राष्ट्रपति बैरो ने माननीय राष्ट्रपति जी के सम्मान में एक राजकीय भोज का आयोजन किया।
आज दोपहर माननीय राष्ट्रपति जी नेशनल असेंबली को संबोधित करेंगे, जहाँ राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष और संसद के सभी सदस्य उपस्थित होंगे। हमारे राष्ट्रपति को सम्मानित करने के लिए नेशनल असेंबली का एक विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है।
इसके बाद राष्ट्रपति जी गाम्बिया के भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे। सेनेगल और गिनी-बिसाऊ से भारतीय समुदाय के कुछ सदस्य इस विशेष कार्यक्रम के लिए आने वाले हैं।
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के समारोह के एक भाग के रूप में माननीय राष्ट्रपति जी कल गांधी प्रदर्शनी और खादी प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। खादी प्रदर्शनी हमें खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा भेजी गई है, जबकि गांधी प्रदर्शनी को नई दिल्ली की गांधी समिति और दर्शन
समाज समिति तथा अहमदाबाद के साबरमती आश्रम संरक्षण स्मारक द्वारा व्यवस्थित किया गया है।
गाम्बिया के उप-राष्ट्रपति इन प्रदर्शनियों में माननीय राष्ट्रपति जी का स्वागत करेंगे।
गाम्बिया की इंडियन सोशल एंड कल्चरल एसोसिएशन 1 अगस्त से 2 अक्टूबर, 2019 तक इबुजन थिएटर में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों का समर्थन कर रही है। धन्यवाद।
निदेशक (एक्सपीडी), डॉ. वेंकटचलम मुरुगन : राष्ट्रपति की गाम्बिया यात्रा की विस्तृत जानकारी के लिए धन्यवाद। अब मैं राष्ट्रपति जी के उप प्रेस सचिव से अपनी टिप्पणी करने का अनुरोध करता हूँ।
राष्ट्रपति के उप-प्रेस सचिव, श्री निमिष रूस्तगी :
सचिव ने पहले ही विस्तृत जानकारी दे दी है, मैं उसमें कुछ बातें जोड़ना चाहूंगा।
राष्ट्रपति जी गाम्बिया के नेताओं और लोगों द्वारा भारत के प्रति प्रदर्शित सद्भाव से अभिभूत हुए और भारतीय समुदाय द्वारा वहां अर्जित साख पर आश्चर्यचकित थे। जब राष्ट्रपति बैरो ने गाम्बिया के विकास में भारतीय समुदाय के योगदान को स्वीकार किया और आश्वासन दिया कि भारतीय
समुदाय को अपने सभी उपक्रमों और यहाँ के सभी कार्यों में गाम्बिया की सरकार का पूर्ण समर्थन मिलेगा तो उन्हें बहुत खुशी हुई। अगर मुझसे गलती हो रही है तो सचिव उसमें सुधार कर सकते हैं, लेकिन मेरा मानना है कि राष्ट्रपति जी ने राष्ट्रपति बैरो को भारत आने के लिए निमंत्रण
भी दिया था, मुझे बस इतना ही कहना था।
प्रश्न : केवल एक छोटा सा स्पष्टीकरण, आपने कहा कि हमने फैसला किया है कि हम गाम्बिया द्वारा पहले उपयोग की गई ऋण श्रृंखला के भुगतान को स्थगित कर सकते हैं, इसका क्या मतलब है?
सचिव (पूर्वी क्षेत्र), श्री टी एस तिरुमूर्ति : देखिए, हमने पहले भी गाम्बिया के लिए 92 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण श्रृंखला का विस्तार किया है और ये वास्तव में चल रही परियोजनाएं हैं और उनमें से कुछ चल रही हैं और कुछ को बहुत
सफलतापूर्वक निष्पादित किया गया है। इसलिए उनके पुनर्भुगतान का समय आरंभ हो गया है, लेकिन महामहिम राष्ट्रपति बैरो ने माननीय राष्ट्रपति जी से पुनर्भुगतान की अनुसूची को स्थगित करने के लिए एक विशेष अनुरोध किया है और राष्ट्रपति जी इस पर विचार करने और पुनर्भुगतान
को स्थगित करने के लिए सहमत हुए हैं।
प्रश्न जारी : माफी नहीं, स्थगन?
सचिव (पूर्वी क्षेत्र), श्री टी एस तिरुमूर्ति : हाँ, यह स्थगन होगा, माफी नहीं।
प्रश्न जारी: इसके अलावा 92 मिलियन अमरीकी डॉलर की इस ऋण श्रृंखला का उपयोग उस पीवीसी पाइप परियोजना में भी किया जा रहा है?
सचिव (पूर्वी क्षेत्र), श्री टी एस तिरुमूर्ति:
वास्तव में पहले यह एक बंदरगाह के निर्माण के लिए दी गई थी, लेकिन चूंकि उनके पास बुनियादी संरचना की प्रमुख आवश्यकताएं हैं, इसलिए गाम्बिया के महामहिम राष्ट्रपति ने अनुरोध किया कि क्या इसे बुनियादी ढाँचे के किसी अन्य क्षेत्र को आवंटित किया जा सकता है, जो मुख्य
रूप से सड़कें होंगी और हम इसे पुनः आवंटित करने के लिए सहमत हो गए हैं।
प्रश्न जारी : तो यह नया आवंटन नहीं है, बल्कि उसे ही आवंटित किया जाएगा?
सचिव (पूर्वी क्षेत्र), श्री टी एस तिरुमूर्ति :
हाँ, इसे फिर से शुरू किया जाएगा, लेकिन साथ ही मैं यह भी कहना चाहूँगा कि माननीय राष्ट्रपति जी ने दोहराया है कि हम गाम्बिया के विकास में योगदान करने के लिए तैयार हैं।
निदेशक (एक्सपीडी), डॉ. वेंकटचलम मुरुगन : चूँकि इस प्रेस वार्ता में कोई और प्रश्न नहीं है इसलिए हम इस प्रेस वार्ता को समाप्त कर रहे हैं।
(समापन)