डॉ. औसफ सईद 18 सितंबर, 1963) भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के 1989 बैच के एक करियर राजनयिक हैं। उन्होंने भारत के हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय से भूविज्ञान में मास्टर ऑफ साइंस तथा पीएच.डी और काहिरा में अमेरिकी विश्वविद्यालय
से अरबी में एडवांस डिप्लोमा की उपाधि प्राप्त की है। वह एक सक्षम टोस्टमास्टर (सीटीएम) हैं और उन्हें उस्मानिया विश्वविद्यालय से वाई.जी.के. मूर्ति स्वर्ण पदक प्राप्त है।
डॉ. सईद ने अपनी 33 वर्षों की राजनयिक सेवा के दौरान हज प्रबंधन के अलावा राजनीतिक, आर्थिक, कांसुलर और सांस्कृतिक दायित्वों सहित कार्य के विभिन्न क्षेत्रों को संभाला है। सचिव (कांसुलर, पासपोर्ट, वीजा और प्रवासी भारतीय मामलों)
के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले उन्होंने सऊदी अरब में भारत के राजदूत (अप्रैल 2019-मार्च 2022) के रूप में कार्य किया। इससे पहले उन्होंने सेशेल्स में भारत के उच्चायुक्त (फरवरी 2017-अप्रैल 2019), शिकागो में भारत के कॉन्सुल जनरल (अगस्त 2013-जनवरी 2017), यमन में
भारत के राजदूत (सितंबर 2010-जुलाई 2013), जेद्दाह में भारत के कॉन्सुल जनरल (अगस्त 2004-जुलाई 2008) के रूप में कार्य किया। इसके अलावा उन्होंने काहिरा, रियाध, दोहा और कोपेनहेगन में भारतीय राजनयिक मिशनों में विभिन्न क्षमताओं में काम किया है।
उन्होंने विदेश मंत्रालय में पश्चिम अफ्रीका डिवीजन की देखरेख करने वाले संयुक्त सचिव (अगस्त 2008-अगस्त 2010) तथा क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, हैदराबाद (मई 1993-जनवरी 1995) के रूप में भी काम किया है।
डॉ. सईद डॉ. सईद की तीन पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं, एक भूविज्ञान पर और दो भारतीय कला एवं संस्कृति पर। उन्होंने उर्दू किताब 'कुलियात-ए-आवाज़ सईद' का संकलन और संपादन भी किया है, जिसमें उनके पिता के संपूर्ण साहित्यिक कार्य
शामिल हैं।
डॉ. सईद डॉ. सईद की शादी सुश्री फरहा सईद से हुई है जो एक कुशल एग स्कल्पचर तथा कलाकार हैं। दंपति के तीन पुत्र हैं।
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