महामारी की प्रतिक्रिया के रूप में, भारत तत्परता से कोविड-19 से प्रभावित विभिन्न अफ्रीकी देशों की सहायता के लिए आगे आया है। यह अफ्रीका के साथ भारत की पारंपरिक रूप से मजबूत दोस्ती और एकजुटता का परिचय है, जो पिछले कुछ वर्षों में नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है।
2. भारत अफ्रीका में 25 से अधिक देशों को दवाओं के पैकेज भेज रहा है। दवाओं के इस पैकेज में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, पेरासिटामोल और अन्य दवाएं शामिल हैं जो तुरंत महामारी से लड़ने के लिए आवश्यक है। इन दवाओं से अफ्रीका के विभिन्न देशों के महामारी से निपटने के राष्ट्रीय
प्रयासों के पूरक होने की उम्मीद है।
3. प्रधानमंत्री मोदी ने 17 अप्रैल, 2020 को दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामाफोसा के साथ टेलीफोन पर बातचीत की, जो अफ्रीकी संघ के वर्तमान अध्यक्ष भी हैं।प्रधान मंत्री ने, अपनी बातचीत में, वायरस के खिलाफ संयुक्त अफ्रीकी प्रयास के लिए भारत के पूर्ण समर्थन से अवगत
कराया। प्रधानमंत्री ने 9 अप्रैल, 2020 को यूगांडा गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति योवेरी कगुटा मुसेवेनी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। प्रधानमंत्री ने 6 मई, 2020 को इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद से भी बातचीत की।
4. इससे पहले अप्रैल 2020 के दौरान, विदेश मंत्री ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अफ्रीकी लोगों के साथ भारत की एकजुटता को दोहराने के लिए कई अफ्रीकी देशों में अपने समकक्षों से बात की थी और उन्हें सभी तरह की सहायता की पेशकश की थी। उनके प्रस्ताव को इन देशों ने काफ़ी
सराहा।
5. "कोविड-19 महामारी" पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों के लिए ई-आईटीईसी पाठ्यक्रम: विदेश मंत्रालय द्वारा अपने सहयोगी एम्स रायपुर के साथ स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के लिए रोकथाम और प्रबंधन दिशानिर्देशों का आयोजन भी अब अफ्रीका के सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं
के लिए विस्तारित कर दिया गया है।मंत्रालय की इस पहल का व्यापक स्वागत किया गया है। यह उल्लेखनीय है कि आईटीईसी कार्यक्रम के तहत सभी प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के 40% से अधिक स्लॉट परंपरागत रूप से अफ्रीकी देशों के लिए रखे गए हैं।
नई दिल्ली
मई 08, 2020